Sunday, July 27, 2008

राम के मंदिर

राम के मंदिर से सारे पाप कट जायेंगे क्या!
बन गया मन्दिर तो चकले बंद हो जायेंगे क्या!!

कितने लव-कुश धो रहे हैं आज भी प्लेट-ओ-गिलास;
दूध थोड़ा, कुछ खिलौने-उनको मिल पायेंगे क्या!

चीमटा,छापा,तिलक,तिरशूल,गांजे की चिलम-
रहनुमा-ए-मुल्क अब इस भेस में आयेंगे क्या!

रख सकेंगे क्या अंगूठे को बचा कर एकलव्य;
रामजी के राज में शंबूक जी पायेंगे क्या!

अस्पतालों,और सड़कों, और नहरों के लिये,
बोलिये तो कारसेवा आप करवायेंगे क्या!

4 comments:

  1. khayal bahut achche hain aapke, par aap log in cheejon ki shuruaat doosare mulkon aur majhabon se bhi karen, dubai, uae, pakistan, bangla desh, iran, afghanistan me aap logon ki bahut jaroorat hai, vahan bhi jaakar ye paigham de to achcha rahega, in mulkon ki awam to aapko sir maathe par baithaiyegi, der kis baat kii passport lijiye aur jaaiye, kuchh maali imadad mai bhi kar doonga.

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  2. सभी जानते हैं कि कोई भी राम-मंदिर नहीं बनाना चाहता। आडवाणी जी भी नहीं। क्योंकि यदि मंदिर बन गया, तो नया मुद्दा खोजने में उनके सर के बचे-खुचे बाल भी उड़ लेंगे।

    और आजकल की राजनीति देखकर नहीं लगता कि अब कोई असली मुद्दा बचा भी है इन राजनेताओं के पास।

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  3. राम के मंदिर से सारे पाप कट जायेंगे क्या!
    बन गया मन्दिर तो चकले बंद हो जायेंगे क्या!!
    अरे वाह केसे एक बहुत बडी बात को सवाल के रुप मे बहुत छोटा करके कह दिया, सच कहते हो, भगवान का नाम लेने से पाप तो नही काट जाते, कर्म भी तो करो, मंदिर बनबाने से भगवान तो नही मिल जाते, पहले हमे अपनी हेवानियात बदलनी चाहिये इन्सान बनाना चाहिये,
    बहुत सुन्दर रचनाये हे आप की, धन्यवाद अमर जी

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  4. बेहद खूबसूरत रचना ! बधाई

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